Sunday, 23 August 2020

अथर्ववेद: Part III

 


        अथर्ववेदस्य पैप्पलाद, तौद, मौद, शौनक, जाजल, जलद,      ब्रह्मवद, देवदर्श, चारणवैद्य इति नवशाखाः सन्ति। एतासु  शौनक-      शाखा पूर्णतया तथा पैप्पलादशाखा तु अपूर्णतया च एवोपलभ्यन्ते,        न तु अन्याः। अथर्ववेदे 20 काण्डाः, 730 सूक्तानि, 36 प्रपाठकाः,      5987 मन्त्राश्च वर्तन्ते॥

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